Wednesday, December 21, 2016

कल की और.

सपने लेकर अपने, यूँ चल पड़े.
थामकर हम, एक दूजे का हाथ.

यूँही चल पड़े.
चले, कल की और.

तेरा साथ हो....
बस, तेरा साथ हो; चले कल की और.  ||१||



अपने होंगे गम और हमारी खुशियाँ,
तोड़े, बाँधे, जोड़े; चल वो दुनिया.

जो एक ख़्वाब है,
चले, उस की और.

तेरा साथ हो,
बस, तेरा साथ हो.  ||२||